राजस्थान के रोहट क्षेत्र में इन दिनों अवैध बजरी का कारोबार तेजी से फल-फूल रहा है। यहां पर बड़ी मात्रा में बजरी का अवैध स्टॉक जमा किया जा रहा है, लेकिन प्रशासन और संबंधित अधिकारियों की अनदेखी के कारण इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही। खास बात यह है कि इन अवैध स्टॉक किए गए स्थानों से क्षेत्र में रोजाना बजरी की सप्लाई हो रही है, जो पर्यावरण और स्थानीय अर्थव्यवस्था के लिए खतरे की घंटी है।
अवैध बजरी स्टॉक और उसके खतरनाक प्रभाव
रोहट क्षेत्र के कई स्थानों पर अवैध बजरी का स्टॉक जमा किया जा रहा है, जिससे न केवल पर्यावरणीय असंतुलन हो रहा है, बल्कि इसका असर स्थानीय जल स्रोतों और कृषि भूमि पर भी पड़ रहा है। अवैध खनन के कारण नदियों और जलाशयों की गहरीकरण हो रही है, जिससे पानी की कमी और भूमि की गुणवत्ता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। इसके अलावा, इस प्रकार के अवैध कारोबार से सरकार को भारी राजस्व की हानि हो रही है।
सप्लाई चैनल पर पूरी तरह से नियंत्रण नहीं
स्थानीय लोगों का कहना है कि इन अवैध रूप से जमा की गई बजरी की सप्लाई रोजाना क्षेत्र के विभिन्न निर्माण स्थलों पर की जा रही है। यह कारोबार दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है, और पुलिस या प्रशासन की कार्रवाई न होने के कारण यह व्यापार मुनाफा कमा रहा है। ऐसे में अवैध बजरी के व्यापारियों को किसी प्रकार की चिंता नहीं है, क्योंकि वे जानते हैं कि उन पर कोई कार्रवाई नहीं होने वाली है।
स्थानीय प्रशासन की चुप्पी पर सवाल
स्थानीय लोगों और पर्यावरण कार्यकर्ताओं का कहना है कि प्रशासन को इस गंभीर मुद्दे पर जल्द से जल्द सख्त कदम उठाने चाहिए। अवैध बजरी खनन से न केवल पर्यावरण को नुकसान हो रहा है, बल्कि यह स्थानीय निवासियों के लिए भी खतरे का कारण बन सकता है। ऐसे में प्रशासन और पुलिस की जिम्मेदारी बनती है कि वे इस अवैध कारोबार पर सख्ती से नियंत्रण लगाएं और इन अवैध खननकर्ताओं के खिलाफ ठोस कार्रवाई करें।
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