रेगिस्तानी जिले जैसलमेर में पिछले दो-तीन दिनों से मानसून की रफ्तार धीमी पड़ गई है। लगातार चार दिनों से शहर में कोई बारिश दर्ज नहीं की गई है। मंगलवार को भी मौसम शुष्क रहा, हालांकि आसमान में बादलों की आंखमिचौली दिनभर जारी रही, जिससे लोगों में उम्मीद बनी रही कि कभी भी बारिश हो सकती है, लेकिन अंततः दिन बिना बूंदों के ही बीत गया।
मौसम में आई इस अस्थिरता के बीच तापमान में थोड़ी गिरावट जरूर दर्ज की गई, लेकिन तेज उमस ने लोगों को काफी परेशान किया। दोपहर के समय उमस के कारण लोगों को घरों और कार्यालयों में भी बेचैनी और पसीने की स्थिति का सामना करना पड़ा। स्थानीय लोगों का कहना है कि बिना बारिश के यह मौसम और भी ज्यादा असहज महसूस हो रहा है।
मौसम विभाग का पूर्वानुमान: जल्द राहत की संभावनामौसम विभाग ने जानकारी दी है कि गुरुवार, 3 जुलाई से जैसलमेर जिले में एक बार फिर मानसून सक्रिय होने की संभावना है। विभाग का कहना है कि बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से आ रही नमी से राजस्थान के पश्चिमी हिस्सों में एक बार फिर अच्छी बारिश का दौर शुरू हो सकता है।
मौसम विभाग के अनुसार,
"जैसलमेर सहित पश्चिमी राजस्थान में 3 जुलाई से मानसूनी गतिविधियां तेज हो सकती हैं। इस दौरान हल्की से मध्यम बारिश के साथ कहीं-कहीं तेज बौछारें भी देखने को मिल सकती हैं।"
मानसून की इस धीमी चाल का असर किसानों पर भी पड़ा है। खेतों में बुआई की तैयारी करने वाले किसानों को अब बारिश का इंतजार है। स्थानीय कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि यदि अगले कुछ दिनों में बारिश नहीं हुई, तो खरीफ की फसल पर असर पड़ सकता है। हालांकि, 3 जुलाई के बाद बारिश की संभावना से किसानों को राहत की उम्मीद है।
स्थानीय प्रशासन की तैयारियांमौसम विभाग के अलर्ट को देखते हुए स्थानीय प्रशासन ने संभावित वर्षा के मद्देनज़र जरूरी तैयारियां शुरू कर दी हैं। जलभराव वाले क्षेत्रों की निगरानी, ड्रेनेज सिस्टम की सफाई और राहत दलों को अलर्ट मोड पर रखा गया है।
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