जयपुर, अजमेर और टोंक जिलों की जीवनरेखा कहे जाने वाले बीसलपुर बांध से एक बार फिर अच्छी खबर आई है। पिछले 24 घंटों में बांध के जलस्तर में 9 सेमी की बढ़ोतरी ने इस साल फिर से बांध के छलकने की उम्मीद जगा दी है। प्रदेश में बने संचार तंत्र के असर से बांध के जलग्रहण क्षेत्र में ही तीन इंच से अधिक बारिश दर्ज की जा चुकी है। हालांकि अब भी त्रिवेणी संगम में पानी की आवक 2.60 मीटर से अधिक नहीं बढ़ी है, लेकिन अगर मौसम विभाग अगले 48 घंटों में भारी बारिश की चेतावनी जारी करता है तो बीसलपुर बांध में पानी की बंपर आवक की संभावना है।
बांध पर अब तक 427 मिमी बारिश
इस बार राजस्थान में दक्षिण-पश्चिम मानसून के निर्धारित समय से पहले पहुंचने के कारण पहली बार जून माह से ही बीसलपुर बांध में पानी की आवक शुरू हो गई थी। जुलाई के पहले पखवाड़े तक बांध का जलस्तर 314 आरएल मीटर को पार कर गया है। गौरतलब है कि बीसलपुर बांध की पूर्ण जल भराव क्षमता 315.50 आरएल मीटर है। सोमवार सुबह बांध का जलस्तर 314.04 आरएल मीटर तक पहुँच गया। ऐसे में अब बांध छलकने से महज 1.46 मीटर दूर है। पिछले साल 14 जुलाई तक बांध पर 418 मिमी बारिश हुई थी, जबकि बांध का जलस्तर 310.30 आरएल मीटर दर्ज किया गया था। जबकि इस साल अब तक 427 मिमी बारिश हो चुकी है।
अब तक सात बार ओवरफ्लो हो चुका है बाँध
निर्माण के बाद पहली बार 2004 में गेट खोले गए
बाँध दूसरी बार 2006 में ओवरफ्लो हुआ
तीसरी बार 2014 में गेट खोले गए
बाँध के गेट 2016 में भी खोले गए
बाँध के 17 गेट 2019 में खोले गए
बाँध 2022 में भी ओवरफ्लो हुआ
बाँध 2024 में सातवीं बार ओवरफ्लो हुआ
पिछले 24 घंटों में बाँध पर 84 मिमी बारिश हुई
बीसलपुर बाँध के जलग्रहण क्षेत्र में पिछले 24 घंटों में 84 मिमी बारिश दर्ज की गई है। त्रिवेणी संगम में पानी का प्रवाह 2.60 मीटर के स्तर पर चल रहा है। जल संसाधन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, बाँध में पानी की आवक की गति तभी बढ़ सकती है जब त्रिवेणी संगम में पानी का प्रवाह 4 मीटर से अधिक हो। बांध के जलग्रहण क्षेत्र में भारी बारिश के कारण जलस्तर में वृद्धि हुई है।
ओवरफ्लो की उम्मीदों पर लगे पंख
14 जुलाई, 2024 को बीसलपुर बांध का जलस्तर 310.30 आरएल मीटर था, जबकि त्रिवेणी में पानी का प्रवाह शून्य था। इसके बावजूद, बांध भारी मात्रा में ओवरफ्लो हुआ। आज बांध का जलस्तर 314.04 आरएल मीटर पर है और मानसून की विदाई में अभी समय है, इसलिए जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने इस वर्ष बांध के ओवरफ्लो होने की प्रबल संभावना जताई है।
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