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गर्मी से राहत चाहिए तो इस बार छुट्टियों में करे 'राजस्थान का स्वर्ग' कही जाने वाली इस जगह की सैर, वीडियो में देखे अचंभित करने वाला नजारा

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माउंट आबू राजस्थान का एकमात्र हिल स्टेशन है, जो अरावली पर्वत श्रृंखला की सबसे ऊंची चोटी पर स्थित है। यह खूबसूरत और शांत जगह राजस्थान के रेगिस्तानी इलाके में एक अनोखा और हरा-भरा इलाका है, जो अपनी प्राकृतिक खूबसूरती, धार्मिक महत्व और सांस्कृतिक विरासत के लिए जाना जाता है। समुद्र तल से लगभग 1,220 मीटर (5,652 फीट) की ऊंचाई पर स्थित माउंट आबू न केवल राजस्थान के निवासियों के लिए बल्कि पूरे देश के पर्यटकों के लिए एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। यह राज्य का एकमात्र हिल स्टेशन है, जो 1958 तक मुंबई राज्य का हिस्सा था, बाद में इसे राजस्थान में मिला दिया गया। भारत के दिग्गज नेता और प्रधानमंत्री रहे अटल बिहारी वाजपेयी को भी माउंट आबू बहुत पसंद था।

प्राकृतिक सुंदरता और धार्मिकता से भरपूर हिल स्टेशन

माउंट आबू अपने हरे-भरे जंगलों, घने पेड़ों और सुहावने मौसम के लिए मशहूर है। यहां का मौसम साल भर सुहावना रहता है, जो इसे गर्मियों के दौरान एक आदर्श पर्यटन स्थल बनाता है। आजकल माउंट आबू बारिश के मौसम में भी चहल-पहल से भरा रहता है। नक्की झील माउंट आबू का मुख्य आकर्षण है, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और शांत वातावरण के कारण पर्यटकों को खूब आकर्षित करती है। इस झील के आसपास की पहाड़ियां और हरियाली इसे और भी आकर्षक बनाती है। झील के किनारे नाव की सवारी करना एक सुखद अनुभव है। धार्मिक दृष्टि से भी माउंट आबू का बहुत महत्व है। यहां स्थित दिलवाड़ा जैन मंदिर विश्व प्रसिद्ध है, जो अपनी बेहतरीन वास्तुकला और संगमरमर की नक्काशी के लिए जाना जाता है। इस मंदिर का निर्माण 11वीं से 13वीं शताब्दी के बीच हुआ था और यह जैन धर्म के तीर्थंकरों को समर्पित है। दिलवाड़ा मंदिर की नक्काशी इतनी बारीक और उत्कृष्ट है कि इसे देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं। इसके अलावा माउंट आबू में गुरु शिखर स्थित है, जो अरावली पर्वत श्रृंखला की सबसे ऊंची चोटी है। यहां गुरु दत्तात्रेय का मंदिर है, जो हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है। माउंट आबू का अचलगढ़ किला भी एक प्रमुख पर्यटन स्थल है, जो इस क्षेत्र की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत को दर्शाता है।

घर की चाहत लेकर आबू गए थे वाजपेयी

भारत के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी पहाड़ों की खूबसूरती के मुरीद थे। यही वजह थी कि अटल जी राजस्थान के इस बेहद खूबसूरत हिल स्टेशन माउंट आबू में बसना चाहते थे। एक बार उन्होंने अपने साथियों से माउंट आबू में उनके लिए घर ढूंढने को भी कहा। एक घर की तलाश भी हुई। अटल जी ने उसे देखा भी, लेकिन पसंद नहीं आया। एक बार माउंट आबू की यात्रा के दौरान वे यहां के सबसे आलीशान और खूबसूरत होटल हिल्टन के 'केव रूम्स' में रुके थे। हिल्टन अटल जी के करीबी दोस्त जगदीश अग्रवाल का होटल है, जिसके 'केव रूम्स' दरअसल पहाड़ी पर चट्टानों के बीच बने अजंता और एलोरा के दो कमरों का एक सेट है। जिसमें एक कमरे का बिस्तर भी गुफा जैसी चट्टान में है। चारों तरफ मनोरम दृश्य, दिल को मोह लेने वाली खूबसूरती और एक शांत और सुकून भरी शांति जो पहाड़ी चट्टानों के बीच कमरों के अंदर के सन्नाटे को भी मात दे रही थी।

अटल जी को होटल हिल्टन के ये दोनों 'केव रूम्स' हमेशा पसंद आते थे। अपने मित्र भैरों सिंह शेखावत को उपराष्ट्रपति बनाने के बाद जब अटल जी पहली बार रात्रि भोज के लिए नई दिल्ली स्थित शेखावत के सरकारी आवास पर गए तो उन्हें आबू की अनूठी खूबसूरती और हिल्टन के अजंता एलोरा 'केव रूम्स' की गहरी शांतिमय खूबसूरती याद आ गई और उन्होंने शेखावत से कहा- शेखावत जी, हमने आपको दिल्ली में घर दिलवा दिया है, अब आप हमें माउंट आबू में घर दिलवा दीजिए। उप प्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी और वरिष्ठ भाजपा नेता ओम प्रकाश माथुर के साथ निरंजन परिहार भी उपराष्ट्रपति आवास पर मौजूद थे। यह सुनकर भैरों सिंह शेखावत ने नाक पर लगे चश्मे के ऊपर से बाहर देखते हुए मुस्कुराते हुए अटल जी को जवाब दिया- 'अब आप अपने भोजन का आनंद लीजिए, आबू की खूबसूरती में मत खो जाइए।' शेखावत भी वाजपेयी के आबू के प्रति प्रेम की अंतहीन कहानी से वाकिफ थे।

वन्य जीवन, पर्यावरण और पर्यटन का अद्भुत अनुभव

माउंट आबू वन्य जीवन के लिए भी जाना जाता है। यहां माउंट आबू वन्यजीव अभ्यारण्य स्थित है, जो कई दुर्लभ वन्यजीवों और पक्षियों का घर है। यह अभ्यारण्य प्रकृति प्रेमियों और वन्यजीव फोटोग्राफरों के लिए स्वर्ग है। यहाँ तेंदुआ, भालू, सांभर और कई अन्य वन्यजीव देखे जा सकते हैं। माउंट आबू की हरी-भरी पहाड़ियाँ और विविध वनस्पतियाँ इसे जैव विविधता का एक महत्वपूर्ण केंद्र बनाती हैं। कई पर्यटक रात में वन्यजीवों को देखने के लिए दिलवाड़ा मंदिर से आगे गुरुशिखर रोड पर जाते हैं, जहाँ भालू और पैंथर देखे जा सकते हैं। माउंट आबू का पर्यटन बहुत विकसित कहा जाता है जहाँ विशाल और आलीशान होटल हैं और यहाँ पर्यटकों के लिए कई सुविधाएँ उपलब्ध हैं। यहाँ हर तरह के बजट के हिसाब से होटल और रेस्टोरेंट हैं। माउंट आबू में खरीदारी के लिए भी कई विकल्प हैं, जहाँ से आप राजस्थानी हस्तशिल्प, कपड़े और आभूषण खरीद सकते हैं। यहाँ के बाज़ार में आपको स्थानीय कला और संस्कृति की झलक देखने को मिल सकती है। हर साल लाखों पर्यटक यहाँ आते हैं। इस तरह माउंट आबू को राजस्थान का एक अनमोल रत्न कहा जाता है, जो प्राकृतिक सुंदरता, धार्मिक महत्व और सांस्कृतिक विरासत से भरपूर है। यह जगह न केवल एक पर्यटन केंद्र है बल्कि शांति और आध्यात्म की तलाश करने वालों के लिए भी एक आदर्श जगह है। माउंट आबू की यात्रा एक ऐसा अनुभव है जो जीवन भर के लिए यादगार बन जाता है।

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