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मॉक ड्रिल को लेकर तैयारियां शुरू , बजेंगे युद्ध वाले सायरन

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जोधपुर: आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच कई समझौते रद्द हुए और हालात जंग के बने हुए हैं. इसी सिलसिले में केंद्रीय गृहमंत्रालय ने सभी राज्यों में इमरजेंसी के दौरान बनने वाली स्थिति से निपटने के मद्देनजर मॉक ड्रिल के आदेश दिए हैं. 7 मई को देश के कई राज्यों में मॉक ड्रिल की जाएगी. जोधपुर में मॉक ड्रिल से पहले की तैयारी शुरू कर दी गई है. मॉक ड्रिल तैयारी के लिए 1971 और 1965 के युद्ध में डिफेंस में रह चुके अनुभवी लोग युवाओं का जोश बढ़ाने के लिए मौजूद रहे. सभी संसाधनों को इकट्ठा किया जा रहा है. इस मॉक ड्रिल से पहले बुजुर्गों का तजुर्बा और युवाओं का जोश देखने को मिलेगा.

जोधपुर शहर में 18 सायरन लगाए गए

जोधपुर सिविल डिफेंस के चीफ अधिकारी ने बताया कि गृह मंत्रालय के आदेश मिल चुके हैं. 7 मई को मॉक ड्रिल होने जा रहा है. हमारे 400 वॉलंटियर्स हैं. आपदा में लोगों को कैसे बचाया जाए ये उसकी ट्रेनिंग ले चुके हैं. वह लोगों को बचाएंगे. किस तरह से इमरजेंसी में बिना संसाधन के लोगों को रेस्क्यू किया जाए और बचाया जाए. जोधपुर शहर में 18 इलेक्ट्रिकल सायरन इंस्टॉल किए गए हैं. वहीं आधा दर्जन से अधिक ऐसे सायरन हैं, जिनको गाड़ी में डालकर एक जगह से दूसरी जगह पर ले जाया जा सकता है.

सायरन बजने के क्या हैं मायने? जिला कलेक्टर गौरव अग्रवाल ने बताया, ''गृह मंत्रालय की ओर से कराई जा रही मॉक ड्रिल के दौरान ब्लैक आउट किया जाएगा, इसकी तैयारियां की जा रही हैं. सायरन के हूटर देखे हैं. आम नागरिक को जागरूक किया जायेगा. आम नागरिकों को बताया जाएगा कि सायरन बजने की दो तरह की आवाज होती है. रुक रुककर बजने वाला सायरन हमले और खतरे के लिए होता है. वहीं रेगुलर बजने वाला सायरन इस बात संकेत देता है कि खतरा टल गया है. सिविल डिफेंस के वॉलंटियर्स आम नागरिक की जान बचाने काम करते हैं.

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