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गंगा नदी खतरे के निशान से ऊपर, कई इलाके में तेजी से फैल रहा पानी

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पटना। बिहार में दाे दिन पहले तक लगातार हाे रही बारिश शाैर नेपाल से छोड़े गए पानी के कारण गंगा नदी रौद्र रूप ले चुकी है। राजधानी पटना में गंगा के कई घाटों पर पानी का स्तर खतरे के निशान से ऊपर आ चुकी है,जिससे दियारा और निचले इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। जल संसाधन विभाग ने हाई अलर्ट जारी किया है और बांधों की 24 घंटे निगरानी शुरू कर दी है। हर पल एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें प्रभावित क्षेत्रों में तैनात हैं। जिला प्रशासन ने राहत और बचाव की व्यापक तैयारियां की हैं। पटना के दियारा इलाके में गंगा का पानी तेजी से फैल रहा है, जिससे कई गांवों में खेत और घर जलमग्न हो गए हैं।

दानापुर में गंगा और सोन नदी के जलस्तर से कटाव की समस्या शुरू हो गई है। मनेर और हथिदह में नदी किनारे बसे गांवों में पानी घुसने की खबरें हैं। जिला प्रशासन ने 245 नाविकों के साथ समझौता किया है, ताकि जरूरत पड़ने पर नाव और गोताखोरों की मदद से बचाव कार्य तेज किया जा सके। गायघाट में एसडीआरएफ और दीदारगंज में एनडीआरएफ की टीमें तैनात हैं। संभावित बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में 119 ऊंचे स्थानों की पहचान कर राहत शिविरों की तैयारी की गई है।


जल संसाधन विभाग की रिपोर्ट के अनुसार पटना के प्रमुख घाटों पर गंगा का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर चुका है या उसके करीब है। गांधी घाट पर जलस्तर 48.76 मीटर (खतरे का निशान 48.60 मीटर), दीघा घाट पर 50.13 मीटर (खतरे का निशान 50.45 मीटर), मनेर में 51.73 मीटर (खतरे का निशान 52 मीटर) और हथिदह में 41.54 मीटर (खतरे का निशान 41.76 मीटर) दर्ज किया गया। देवनानाला में जलस्तर 165.50 फुट है जो खतरे के निशान 167 फुट से थोड़ा नीचे है। पिछले दो दिनों में जलस्तर में ढाई फुट की वृद्धि हुई है। जिससे दियारा, दानापुर और मनेर में पानी फैलने लगा है।

मौसम विभाग ने रविवार को उत्तर और पूर्वी बिहार में भारी बारिश और वज्रपात की चेतावनी दी है। सीमांचल और कोसी क्षेत्र में भारी बारिश की संभावना है, जिससे गंगा, कोसी और गंडक नदियों का जलस्तर और बढ़ सकता है। ऑरेंज अलर्ट वाले जिलों (पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, सीवान, सारण, खगड़िया, भागलपुर, मुंगेर, जमुई, बांका) में विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश हैं। प्रशासन ने लोगों से नदियों के किनारे न जाने, वज्रपात के दौरान खुले स्थानों से बचने और स्थानीय प्रशासन के संपर्क में रहने की अपील की है।

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