
पटना। बिहार में 350 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार वाली बुलेट ट्रेन के लिए सर्वेक्षण कार्य पूरा हो गया है और रिपोर्ट रेल मंत्रालय को सौंप दी गई है। दिल्ली-हावड़ा (कोलकाता) बुलेट ट्रेन केवल 6.5 घंटे में 1,669 किलोमीटर की दूरी तय करेगी। पटना से दिल्ली की 1,000 किलोमीटर की यात्रा में वर्तमान 13-14 घंटों की तुलना में मात्र 4 घंटे ही लगेंगे।
पटना से कोलकाता की 578 किलोमीटर की यात्रा में 2 घंटे से अधिक समय लगेगा, जिससे वर्तमान 6 घंटे की यात्रा का समय बहुत ही कम हो जाएगा। करीब 5 लाख करोड़ रुपये की लागत वाली यह परियोजना दो चरणों में पूरी होगी। पहला चरण, दिल्ली से वाराणसी (लखनऊ और अयोध्या के रास्ते) 2029 तक पूरा करने का लक्ष्य है। दूसरा चरण वाराणसी से हावड़ा (पटना के रास्ते) तक है। बिहार में बुलेट ट्रेन मौजूदा पटरियों के साथ-साथ चलेगी।
बुलेट ट्रेन बनारस से मुगलसराय, बक्सर, पटना, किऊल, आसनसोल होते हुए हावड़ा जाएगी। पटना बिहार का एकमात्र स्टॉप होगा। इसके बाद अगला स्टॉप पश्चिम बंगाल का आसनसोल होगा। रेलवे ने जानकारी दी है कि बुलेट ट्रेन के लिए बिहार में अलग से कॉरिडोर नहीं बनाया जाएगा। मौजूदा रेल ट्रैक के समानांतर दो और हाई स्पीड ट्रैक बिछाए जाएंगे, जिस पर बुलेट ट्रेन चलेगी। यह ट्रैक पूरी तरह से अलग और विशेष रहेगा। इन ट्रैकों पर सामान्य गाड़ियां नहीं चलेंगी। फिलहाल जमीन अधिग्रहण की योजना नहीं है, लेकिन जरूरत पड़ने पर किसानों से जमीन ली जाएगी।
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